किसी भी इलाके के विकास के लिये सड़कों और रेलवे के विस्तृत तथा बेहतर ढंग से जुड़े हुए नेटवर्क की आवश्यकता होती है। 1980 के दशक से पहले, अमेठी का सम्पर्क अन्य इलाकों से कटा हुआ था और वह बिल्कुल अलग-थलग था, जिसके कारण किसी भी तरह का व्यापार बेहद कठिन होता था। क्षेत्र की प्रगति के लिए कनेक्टिविटी के महत्व को समझते हुए ही पूर्व प्रधानमंत्री एवं अमेठी से सांसद राजीव गांधी ने क्षेत्र में ढांचागत विकास की बुनियाद रखी। 2004 में निर्वाचित होने पर राहुल गांधी ने इस विज़न को आगे बढ़ाया तथा कनेक्टिविटी और गतिशीलता को प्राथमिकता देते हुए उन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया। उनके तीन बार के कार्यकाल के दौरान, अमेठी में रेल और सड़क कनेक्टिविटी का जबरदस्त विस्तार हुआ, जिससे उसे एक औद्योगिक केंद्र का आकार दिया जा सका।
राहुल गांधी के कार्यकाल के दौरान, छह राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ अनेक राज्य राजमार्गों का निर्माण किया गया, जिसने लोगों की गतिशीलता और व्यापार की दिशा में अहम योगदान दिया। जिले के भीतर सड़कों का नेटवर्क भी बनाया गया, जिससे दूर दराज के गांव भी शहर के केंद्र से जोड़े जा सके। अमेठी के किसी भी गांव में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति 15 किलोमीटर के दायरे के भीतर नजदीकी राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग से जुड़ चुका है, जिन्हें आगे अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है। राज्य के भीतर अमेठी, वाराणसी, आगरा, कानपुर, लखनऊ इत्यादि जैसे प्रमुख शहरों तक सड़क मार्ग से सहज और आसान पहुंच उपलब्ध कराता है, साथ ही उत्तर प्रदेश से बाहर दिल्ली और भोपाल जैसे दूसरे राज्यों के प्रमुख शहरों से भी यह जुड़ा हुआ है। सड़कों के बुनियादी ढांचे में हुई उन्नति के परिणामस्वरूप अमेठी व्यापार और निवेश के लिए महत्वपूर्ण स्थान बन चुका है।
राहुल गांधी ने एक ऐसे अमेठी की परिकल्पना की, जो शेष भारत से जुड़ा है, जिसमें अमेठी के प्रत्येक नागरिक के पास अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अवसर मौजूद हैं। अमेठी की जनता को अंतिम गंतव्य तक कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करते हुए राहुल गांधी ने लोगों के आवागमन और माल की आवाजाही को सुगम बनाया। अमेठी, जायस, मुसाफिरखाना और निहालगढ़ इनमें सबसे प्रमुख रेल स्टेशन हैं, जहां से उत्तर प्रदेश और देश के अन्य प्रमुख शहरों तक नियमित कनेक्टिविटी उपलब्ध है। अमेठी के लोग अब अमेठी स्टेशन के जरिए जम्मू, बेंगलुरु, मुंबई और विशाखापत्तनम जैसे शहरों तक आसानी से पहुंच सकते हैं, जबकि अमेठी का व्यापारिक समुदाय मोटे तौर पर निहालगढ़ स्टेशन से लाभांवित हो रहा है, जो आगरा, वाराणसी, कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों तक पहुंच उपलब्ध करवा कर जगदीशपुर के औद्योगिक केंद्र की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। अमेठी के भीतर तथा अमेठी से, रेल के जरिये सीधा सम्पर्क उपलब्ध कराये जाने से उद्योग जगत वहां नयी फैक्ट्रियां लगाने को प्रोत्साहित हुआ है, जिससे प्रगति और आजीविका, दोनों दिशाओं में महत्वपूर्ण योगदान किया गया है।